सच्चिदानंद राउतराय वाक्य
उच्चारण: [ sechechidaanend raauteraay ]
उदाहरण वाक्य
- सच्चिदानंद राउतराय इस युग के प्रसिद्ध लेखक हैं।
- भाषा सेतु में सच्चिदानंद राउतराय की कहानी जंगल
- सच्चिदानंद राउतराय इस युग के प्रसिद्ध लेखक हैं।
- सच्चिदानंद राउतराय इस युग के प्रसिद्ध लेखक हैं।
- सच्चिदानंद राउतराय की कविताओं की सरंचना-शैली में पहले से ही यह परिवर्तन स्पष्ट रूप से नजर आने लगा था।
- इसी माटी के लाल हैं गोपीनाथ महंती, सच्चिदानंद राउतराय और सीताकांत महापात्र जिन्हें पाकर स्वयं “ ज्ञानपीठ पुरस्कार ” गोरान्वित हुआ।
- इन्हीं विभिन्न विशिष्टताओं वाले प्रमुख कवि थे, पहली कोटि के पदम् चरण पटनायक (1885-1956), कुंतला कुमारी सावत (1900-1938), कालंदी चरण पाणिग्रही (1901-1994),बैंकुंठ पटनायक (1904-1978),मायाधर मानसिंह (1905-1973),राधामोहन गडनायक (1911-2000) तथा दूसरी कोटि के लक्ष्मीकांत महापात्र (1889-1953), गोदावरीश महापात्र (1897-1966),अनंत पटनायक (1912-1987), और सच्चिदानंद राउतराय (1913-2004) ।
- इस दिशा में उनकी कुछ विशिष्ट कविताओं का उल्लेख किया जा सकता है, जैसेकि ‘स्वगत' से ‘एक बांधबीर जन्मदिन ‘ और ‘ उत्तर तिरिश ‘ ‘कविता-1962 ‘ से ‘ स्मृति लेखा ‘ ‘ आश्विन ‘ (1958),'अंतराल' और ‘खरा कविता-1969' से ‘ नदीकु एक दर्जा' ‘ कविता-1971से ‘ हेयरपिन', ‘ लाल स्कूटर' और ‘मेघ ‘ तथा ‘ कविता-1974' से ‘शबरी ‘,और ‘ हंसपुर ‘ इत्यादि । एक ओर रोमांटिक कविताएँ और दूसरी ओर प्रगतिवादी कविताओं की पृष्ठभूमि में काव्य-पुरुष सच्चिदानंद राउतराय का उद्भव हुआ ।
- तिरिया चरित्तर बनाना रिपब्लिक भरतनाट्यम सिरी उपमा जोग शेख अयाज पड़ोसी शेखर जोशी कोसी का घटवार शैलेश मटियानी अर्धांगिनी मैमूद श्रवण कुमार उर्मलिया मामूली लोग श्रीकांत दुबे उर्फ गुरुत्वाकर्षण दहन धरती के भीतर दिन रात खालीपन से भरा एक आसमान रहता था पूर्वज सपनों के झूठ संजय खाती पिंटी का साबुन (ई-पुस्तक) बाहर कुछ नहीं था संजीव अपराध(ई-पुस्तक) खामोशी* ज्वार मानपत्र हिटलर और काली बिल्ली सआदत हसन मंटो खोल दो टिटवाल का कुत्ता टोबा टेकसिंह ठंडा गोश्त बू सियाह हाशिए सच्चिदानंद राउतराय जंगल सज्जाद ज़हीर गर्मियों की एक रात जन्नत की बशारत दुलारी नींद नहीं आती फिर यह हंगामा...
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